Skip to main content

Posts

 
Recent posts

प्यार पर कविता - payar par kavita

सोचता हूँ कभी पन्नों पर उतार लूँ उन्हें I उनके मुँह से निकले सारे अल्फाजों को याद कर लूँ कभी I ऐसी क्या मज़बूरी होगी उनकी की हम याद नहीं आते I सोचता हूँ तोहफा भेज कर अपनी याद दिला दूँ कभी I सोचता हूँ कभी पन्नों पर उतार लूँ उन्हें I"दूरियां इतनी बढ़ जाएंगी मालूम ना था I वो बाबू से बेवफा बन जाएंगे मालूम ना था I हम उनके लिए पागल हो जाएंगे मालूम ना था I जो अपना चेहरा हमारी आँखों में देखते थे I वो आईना बदल लेंगे मालूम ना था I ऐसे बरसेगी उसकी यादें सन्नाटे में मालूम ना था I दूरियां इतनी बढ़ जाएंगी मालूम ना था I"हंसी में छिपे खामोशियों को महसूस किया है I मैखाने में बुजुर्गों को भी जवान होते देखा है I हमने इन्शानो को जरुरत के बाद अनजान होते देखा है I क्यों भूल जाते है इंसान अपनी अस्तित्व पैसा आते ही I दुनियां ने बड़े - बड़े राज महराजा को फ़क़ीर होते देखा है I"चलते चलते कहीं रुका, तो कुछ जानने वाले मिले तो लगा कितनी छोटी सी दुनियां है जब जानने वालों ने पहचाना नहीं तो लगा की इस छोटी सी दुनियां में हम कितने छोटे है I"खुद पर गुरुर था तुम्हें की तुम मुहब्बत के बारे में सब ज...

शहरियों का अंदाज़ - shayriyo ka andaj

सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है, उधर ही ले चलो कश्ती जहां तूफान आया है। बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो अब जानेमन तू तो नहीं, शिकवा -ए-गम किससे कहें या चुप हें या रो पड़ें, किस्सा-ए-गम किससे कहें। लिखना था कि खुश हैं तेरे बगैर भी यहां हम, मगर कमबख्त... आंसू हैं कि कलम से पहले ही चल दिए। जो दिल के करीब थे ,वो जबसे दुश्मन हो गए जमाने में हुए चर्चे ,हम मशहूर हो गए अब काश मेरे दर्द की कोई दवा न हो बढ़ता ही जाये ये तो मुसल्सल शिफ़ा न हो बाग़ों में देखूं टूटे हुए बर्ग ओ बार ही मेरी नजर बहार की फिर आशना न हो सिर्फ एक सफ़ाह पलटकर उसने, बीती बातों की दुहाई दी है। फिर वहीं लौट के जाना होगा, यार ने कैसी रिहाई दी है। -गुलज़ार बैठे-बिठाए हाल-ए-दिल-ज़ार खुल गया मैं आज उसके सामने बैठकर बेकार खुल गया। -मुनव्वर राणा             Created by Arun Rohilla 

जीवन की महत्वपूर्ण बाते - jivan ki mahatav purn bate

कभी छोटा मत समझो- कर्ज, शत्रु, बीमारी।इन्हें कोई चुरा नहीं सकता- हुनर, ज्ञान, अक्ल।जो निकल गई वापस नहीं आती- तीर, मुंह के बोल, शरीर से प्राण।तीन बातें कभी न भूलें- कर्ज, फर्ज, मर्ज।इन तीनों का सम्मान करो- माता, पिता, गुरु।इन तीनों को वश में रखो- मन, काम, क्रोध।आपने अपने जीवन में 10 सबसे महत्वपूर्ण बातें क्या सीखीं? सबके साथ रहकर भी अकेले होने के भाव को स्वीकार करना।पैसे की जरूरत इसलिए ज्यादा क्योंकि पैसे का महत्व ज्यादा है।किसी दूसरे को समझाने से सरल है स्वयं को समझा दो कि कोई नही समझना चाहता।अगर आप ईमानदार हो तो दुनियां में किसी की बेईमानी आपको प्रभावित नही कर सकती।दूसरे पर निर्भर होने वाले कार्य कम ही पूरे होते है इसलिए उनके प्रति ज्यादा उम्मीद न बनाए।शरीर की देखभाल करें क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मानसिकता का जन्म हो सकता है।अपने ऊपर किसी का उतना अधिपत्य न होने दे कि सामने वाला आपका शोषण करने लगे।किसी भी कड़वाहट को अंदर न रहने दे,उसे बाहर निकाल दे नही तो वो जहर बनकर आपके स्वभाव को प्रभावित करेगी।अगर आप शरीर और मन से स्वस्थ है तो आपकी असफलता के लिए आप स्वयं ...

नया साल 2023 - New Year 2023

नया साल आ गया है। लोग नव वर्ष 2023 के आगमन को लेकर उत्साहित हैं। दिसंबर से जनवरी आने से केवल महीना नहीं बदलता, बल्कि पूरा का पूरा कैलेंडर ही बदल जाता है। एक नई तारीख नए वर्ष के साथ कुछ आशाओं को लेकर आती है। लोग उम्मीद करते हैं कि साल बदलने के साथ ही उनके जीवन में भी कुछ अच्छा बदलाव आएगा। हो सकता है कि आने वाला वर्ष जीवन में अपार खुशियां लाए। इस उम्मीद के साथ लोग नए साल की शुरुआत धूमधाम से करते हैं और खुशियां मनाते हैं। दुनिया के तमाम देशों में नव वर्ष के मौके पर दोस्तों, प्रियजनों को शुभकामनाएं देने की भी परंपरा है। 31 दिसंबर की रात 12 बजे तारीख बदलते ही लोग एक दूसरे को नए साल की बधाई देना शुरू कर देते हैं। नव वर्ष की शुभकामनाओं का यह सिलसिला अब काफी रचनात्मक हो गया है। लोग ग्रीटिंग कार्ड के जरिए, व्हाट्सएप या फेसबुक के जरिए या अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से नए साल के आकर्षक शुभकामना संदेश भेज देते हैं। यहां से आप नए साल की शायरियां डाउनलोड करके एडवांस में लोगों को शुभकामनाएं भेज सकते हैं।  ******** मुबारक हो तुम्हे नववर्ष का महीना, चमको तुम जैसे फागुन का महीना, पतझर...