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प्यार पर कविता - payar par kavita

सोचता हूँ कभी पन्नों पर उतार लूँ उन्हें I
उनके मुँह से निकले सारे अल्फाजों को याद कर लूँ कभी I
ऐसी क्या मज़बूरी होगी उनकी की हम याद नहीं आते I
सोचता हूँ तोहफा भेज कर अपनी याद दिला दूँ कभी I
सोचता हूँ कभी पन्नों पर उतार लूँ उन्हें I"दूरियां इतनी बढ़ जाएंगी मालूम ना था I
वो बाबू से बेवफा बन जाएंगे मालूम ना था I
हम उनके लिए पागल हो जाएंगे मालूम ना था I
जो अपना चेहरा हमारी आँखों में देखते थे I
वो आईना बदल लेंगे मालूम ना था I
ऐसे बरसेगी उसकी यादें सन्नाटे में मालूम ना था I
दूरियां इतनी बढ़ जाएंगी मालूम ना था I"हंसी में छिपे खामोशियों को महसूस किया है I
मैखाने में बुजुर्गों को भी जवान होते देखा है I
हमने इन्शानो को जरुरत के बाद अनजान होते देखा है I
क्यों भूल जाते है इंसान अपनी अस्तित्व पैसा आते ही I
दुनियां ने बड़े - बड़े राज महराजा को फ़क़ीर होते देखा है I"चलते चलते कहीं रुका,
तो कुछ जानने वाले मिले
तो लगा कितनी छोटी सी दुनियां है
जब जानने वालों ने पहचाना नहीं
तो लगा की इस छोटी सी दुनियां में हम कितने छोटे है I"खुद पर गुरुर था तुम्हें की तुम मुहब्बत के बारे में सब जानते हो,
अच्छा चलो बताओ उसकी आंखों को ठीक से पहचानते हो I
क्या गलतफमी लिए जी रहे थे अब तक की तुम्हें मुहब्बत के हर रास्ते मालूम है,
अच्छा चलो बताओ उसके दिल तक पहुंचने का रास्ता जानते हो I
इश्क़ की सीढ़ी लगा कर जिस्म तक पहुंचने का तरीका सबको मालूम है यहाँ,
अच्छा चलो बताओ उसके रूह से गुफ्तगू करने का तरीका जानते हो IIतुझे पाने की तलब है मुझे
तुझे पसंद है जो गुलज़ार लिखे
इसलिए, तेरे लिए लिखना सीख लिया
तुझे मान, मेने अपना मीत लिया
तेरे संग ये जीवन बिताना है
या तो तुझे पाना है या खुद को तेरे लिए मिटाना है I"दर्द में हम उनके सामने रोये थे,
और वो तब भी अपने खयालों में खोए थे,
उनपे हम शायद अपना रंग न चढ़ा सके,
इसलिए हम गहरी नींद में गए और वो हमे न उठा सके,
उन्हें हमारी मौत की खबर भी किसी और ने दी,
गुस्सा हम उनसे थे और ऊपर वाले ने हमारी ही जान ले ली,
समय जब दोनों के पास था तो नाराजगी में बिता दी,
ये जिंदगी शायद मैने पछतावे में गुज़र ली।"तेरे जीवन में कभी अर्चन न बनूँगी,
तेरे सपनो के बिच न पडूँगी,
अगर कभी कोई परेशानी आयी हो तो कहना
तुझे छोड़ने से पीछे नहीं हटूँगी।"

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शहरियों का अंदाज़ - shayriyo ka andaj

सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है, उधर ही ले चलो कश्ती जहां तूफान आया है। बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो अब जानेमन तू तो नहीं, शिकवा -ए-गम किससे कहें या चुप हें या रो पड़ें, किस्सा-ए-गम किससे कहें। लिखना था कि खुश हैं तेरे बगैर भी यहां हम, मगर कमबख्त... आंसू हैं कि कलम से पहले ही चल दिए। जो दिल के करीब थे ,वो जबसे दुश्मन हो गए जमाने में हुए चर्चे ,हम मशहूर हो गए अब काश मेरे दर्द की कोई दवा न हो बढ़ता ही जाये ये तो मुसल्सल शिफ़ा न हो बाग़ों में देखूं टूटे हुए बर्ग ओ बार ही मेरी नजर बहार की फिर आशना न हो सिर्फ एक सफ़ाह पलटकर उसने, बीती बातों की दुहाई दी है। फिर वहीं लौट के जाना होगा, यार ने कैसी रिहाई दी है। -गुलज़ार बैठे-बिठाए हाल-ए-दिल-ज़ार खुल गया मैं आज उसके सामने बैठकर बेकार खुल गया। -मुनव्वर राणा             Created by Arun Rohilla 

नया साल 2023 - New Year 2023

नया साल आ गया है। लोग नव वर्ष 2023 के आगमन को लेकर उत्साहित हैं। दिसंबर से जनवरी आने से केवल महीना नहीं बदलता, बल्कि पूरा का पूरा कैलेंडर ही बदल जाता है। एक नई तारीख नए वर्ष के साथ कुछ आशाओं को लेकर आती है। लोग उम्मीद करते हैं कि साल बदलने के साथ ही उनके जीवन में भी कुछ अच्छा बदलाव आएगा। हो सकता है कि आने वाला वर्ष जीवन में अपार खुशियां लाए। इस उम्मीद के साथ लोग नए साल की शुरुआत धूमधाम से करते हैं और खुशियां मनाते हैं। दुनिया के तमाम देशों में नव वर्ष के मौके पर दोस्तों, प्रियजनों को शुभकामनाएं देने की भी परंपरा है। 31 दिसंबर की रात 12 बजे तारीख बदलते ही लोग एक दूसरे को नए साल की बधाई देना शुरू कर देते हैं। नव वर्ष की शुभकामनाओं का यह सिलसिला अब काफी रचनात्मक हो गया है। लोग ग्रीटिंग कार्ड के जरिए, व्हाट्सएप या फेसबुक के जरिए या अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से नए साल के आकर्षक शुभकामना संदेश भेज देते हैं। यहां से आप नए साल की शायरियां डाउनलोड करके एडवांस में लोगों को शुभकामनाएं भेज सकते हैं।  ******** मुबारक हो तुम्हे नववर्ष का महीना, चमको तुम जैसे फागुन का महीना, पतझर...